Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya: बल्ब जैसा की आपको पता ही होगा बल्ब जीवन में कितना अवश्यक है! बल्ब से हमे रौशनी प्रदान होती है! अगर जीवन में बल्ब नही होता तो हमे अँधेरे में जीवन बिताना पड़ता! अगर बात की जाए तो तब की जब हमारे पास बल्ब नही होता है! तब हम एक लड़की में कपडा बाद के उसका मशाल बनाते थे! वर्तमान में आप आपको बल्ब तो मार्किट में आसानी से मिल जाता है! पर क्या आपको पता है! की बल्ब का खोज करने वाली व्यक्ति कौन था! और इसका इतिहास यदि आपको इसके बारे में कोई भी जानकरी नही है! तो आपको इस आर्टिकल में आपको सारे सवाल मिल जायेगे! आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े!
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बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब किया था?
बल्ब का आविष्कार महान व्यक्ति थॉमस एल्वा एडिसन (Thomas Alva Adison) ने 14 अक्टूबर 1878 को किया गया था! थॉमस एडिसन एक महान जाने माने वैज्ञानिक थे! थॉमस एडिसन जी ने कार्बन फिलामेंट लाइट बल्ब का अविष्कार किया था!
थॉमस कितनी बार फेल हुए थे?
थॉमस एडिसन बल्ब का आविष्कार करते समय एक हज़ार बार असफल रहे! जब उनसे किसी रिपोर्टर ने पुछा की आपको इतनी बार असफलता के बाद कैसा महसूस हो रहा है! तो थॉमस एडिसन का जवाब आता है! की में “एक हज़ार(1000) बार असफल नही हुआ प्रकाश बल्ब (Bulb) एक हज़ार चरणों वाला एक आविष्कार था।”
बल्ब का आविष्कार का इतिहास
बल्ब का आविष्कार सन 1878 में थॉमस एडिसन द्वारा किया गया था! थॉमस एडिसन से भी पहले कई व्यक्ति थे जो बल्ब की खोज में लगे हुए थे! हंफ्री डेवी वैज्ञानिक जिन्होंने सन 1802 में पहले बल्ब का अविष्कार किया था! उस बल्ब को नाम Electric Arc Lamp रखा गया था! इस में बस ये कमी थी की इसमें रोशनी ज्यादा देर तक नही टिक पाती थी!
फिर सन 1840 के दौरान ब्रिटिश के वैज्ञानिक वार्नर द रियू ने Coiled Platinum Filament को वैक्यूम ट्यूब में रखा गया! फिर उसमें विद्युत धारा प्रवाहित हो गई। पर इसमें बस यही समस्या थी की Platinum काफी महगा था! फिर कुछ वर्ष बाद 1850 में जोसफ स्वान नामक वैज्ञानिक ने Carbonized Paper Filaments (कार्बोनाइज्ड पेपर फिलामेंट्स) का गिलास बल्ब में इस्तेमाल करके इलेक्ट्रिक बल्ब का निर्माण किया! पर अच्छे वैक्यूम और इलेक्ट्रिसिटी कमी के कारण से यह लंबे समय तक टिक नही पाते थे! फिर सन 1870 तक मार्किट में अच्छे वैक्यूम पंप आना शुरू हो गए थे! जिससे जोसफ स्वान ने अपना काम दुबारा से शुरू कर दिया था!
फिर कुछ वर्ष बाद यानी 18 दिसम्बर 1878 को इन्होने कार्बन रोड के इस्तेमाल से तैयार किया गया लैंप Newcastle Chemical Society (न्यूकैसल केमिकल सोसायटी) जो की मीटिंग में चला के दिखाया गया था! पर ज्यादा बिजली के इस्तेमाल से ये टूट गया! फिर इस को देखते हुए इसमें कुछ बदलाव किये गए थे! फिर 17 जनवरी 1879 लैंप फिर से मीटिंग में चलाया गया!
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बल्ब लंबे समय तक क्यों नहीं टिकते?
बल्ब लंबे समय तक ना टिकने के कई कारण हो सकते है! जिसमे हम आपको पूरा( विस्तार में बताएँगे!
- यदि आपके घर का वोल्टेज (Voltage) 125 वाल्ट से ज्यादा है तो तब बल्ब जल्दी खराब हो जाते है!
- बल्ब में अधिक वाइब्रेशन के कारण से बल्ब की ख़राब होने ही संभावना होती है!
- बल्ब जिस वोल्टेज के लिए बने होते है यदि आप उससे ज्यादा वोल्टेज में लगाते है तो बल्ब ख़राब होंने ही संभावना बढ़ जाती है!
FAQs-बल्ब का आविष्कार से जुड़े पूछे गए सवाल
Q1: भारत में बल्ब का आविष्कार कब हुआ था?
Ans: भारत में पहले बल्ब का अविष्कार 21 अक्टूबर 1878 को किया गया था!
Q2: बल्ब का दूसरा नाम क्या है?
Ans: बल्ब का दूसरा नाम तापदीप्त लैम्प या इन्कैंडिसेंट लैम्प जिसे ‘Ncandescent lamp’ कहा जाता है!